एक अपाहिज से भला,
कोई प्यार क्या करेगा,
जीना अपना कोई,
जानबूझकर दुश्वार क्या करेगा..
वो जो किसी के भी,
किसी मतलब का नहीं यहां,
उसके चक्कर में कोई,
अपना वक्त बेकार क्या करेगा..
जो किसी को दुख के सिवाय,
कुछ और दे नहीं सकता,
उसके साथ भला कोई,
खुशियों का व्यापार क्या करेगा..
ज़िन्दगी की दौड़ में,
पीछे अगर छूट जाए कोई,
ऐसे इंसान का सहयोग,
ये संसार क्या करेगा..
जीवन की मुसीबतें से,
आखिर कब तक लड़ेगा वो,
टूट जाएगा एक दिन 'साहेब'
जिसके अपने ही तोड़ दे उसे,
फिर वो लाचार क्या करेगा..!!
----🍁----
..संजू
कोई प्यार क्या करेगा,
जीना अपना कोई,
जानबूझकर दुश्वार क्या करेगा..
वो जो किसी के भी,
किसी मतलब का नहीं यहां,
उसके चक्कर में कोई,
अपना वक्त बेकार क्या करेगा..
जो किसी को दुख के सिवाय,
कुछ और दे नहीं सकता,
उसके साथ भला कोई,
खुशियों का व्यापार क्या करेगा..
ज़िन्दगी की दौड़ में,
पीछे अगर छूट जाए कोई,
ऐसे इंसान का सहयोग,
ये संसार क्या करेगा..
जीवन की मुसीबतें से,
आखिर कब तक लड़ेगा वो,
टूट जाएगा एक दिन 'साहेब'
जिसके अपने ही तोड़ दे उसे,
फिर वो लाचार क्या करेगा..!!
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