Thursday 6 July 2017

मेरा बेटा..


खाने नहीं देता,
कभी सोने नहीं देता,
मेरा बेटा कोई काम,
ठीक से होने नहीं देता..
कोई क्या समझेगा,
उसके दिल का दर्द 'साहेब'
कि पड़ौसी का बच्चा,
उसको खिलौने नहीं देता..

वो आप ही उठाता है,
ये रोज़ रोज़ की ज़िल्लत,
मगर ये बोझ,
किसी और को ढोने नहीं देता,
जाने कौन हैं,
उनसे तो मैं वाकिफ भी नहीं हूँ आज तक,
बंद कमरे में पड़ा हूँ 'साहेब'
ये अंधेरा मुझको,
किसी और से पहचान होने भी नहीं देता..!!
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