Thursday 6 July 2017

कल रात..


कुछ हसरतें,
जो दिल में मचलती रहीं..
कुछ ख्वाब,
जो आँखों में अटके रहे..
कुछ ख्याल,
जो ज़हन से निकल ना सके..

कल रात...

वो हसरतें,
फिर से सफर में रह गईं..
वो ख्याल,
फिर से मुंह मोड़ गए..
वो ख्वाब,
पलकों पर दम तोड़ गए..
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