कितनी पी कैसे कटी कल रात,
मुझे होश नहीं..
रात के साथ गई बात,
मुझे होश नहीं..
मुझको ये भी नहीं मालूम,
कि जाना है कहां,
थाम ले कोई मेरा हाथ,
मुझे होश नहीं..
आंसुओं और शराबों में ही,
गुज़र रही है अब तो,
मैंने कब देखी थी बरसात,
मुझे होश नहीं..
टूटा हुआ पैमाना है दिल मेरा 'साहेब'
बिखरे बिखरे से हैं खयालात,
मुझे होश नहीं..
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